भारत के स्वतंत्रता संग्राम के 10 कम जाने-माने तथ्य
प्रारंभ से ही हम भारत के स्वतंत्रता संग्राम के 10 कम जाने-माने तथ्य सीखेंगे, जिन्हें पढ़ते समय आपको इतिहास का नया और रोचक पहलू दिखने को मिलेगा। आमतौर पर हम स्कूल की किताबों में सिर्फ प्रमुख घटनाएं जैसे 1857 की क्रांति, गांधी जी का आंदोलन या नेहरू-भगत सिंह की कहानियां पढ़ते हैं। लेकिन इसके अलावा भी आज़ादी की लड़ाई के बहुत से ऐसे तथ्य हैं, जिन्हें बहुत कम लोग जानते हैं। आइए इन्हें सरल शब्दों और उदाहरणों के साथ समझाते हैं।
भारत के स्वतंत्रता संग्राम की अनकही कहानियाँ
स्वतंत्रता संग्राम एक राजनीतिक आंदोलन ही नहीं था, बल्कि यह आम लोगों, महिलाओं, किसानों, आदिवासियों और अनजान कई नायकों का भी संघर्ष था। चलिए जानते हैं 10 ऐसे कम-ज्ञात तथ्य जो जरूर आपको चौंका देंगे।
1. 1857 क्रांति में औरतों की भी बड़ी भूमिका थी
जब मैं 1857 की क्रांति की सœur खाऊं में हूं और वहाँ रानी लक्ष्मीबाई का नाम जरूर याद आता है, तो सबसे कम लोगों को पता है कि बेगम हज़रत महल (लखनऊ) और झलकारी बाई (झाँसी) जैसी बहुत सी औरतों ने भी अंग्रेजों के साथ लड़ाई में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया था।
2. पहली बार "जनगणना बहिष्कार" हुआ थ
1901 की जनगणना के दौरान अंग्रेजों ने भारतीयों से बहुत सारे प्रश्न पूछे, ताकि वे समाज को बाँट सकें। लेकिन कई इलाकों में भारतीयों ने इसका विरोध किया और इस "जनगणना बहिष्कार" ने आज़ादी की लड़ाई को एक नए रूप दिया।
3. चंपारण आंदोलन से पहले किसान आंदोलन
We all consider चंपारण आंदोलन (1917) गांधी जी का पहला बड़ा आंदोलन, but that was done even before it by farmers in many parts of India. Like the 1875 पुणे किसान विद्रोह and the 1915 खेड़ा सत्याग्रह.
4. आदिवासी विद्रोह भी आज़ादी की नींव बने
भारत के आदिवासी आबादियों ने अंग्रेजों के खिलाफ बहुत बड़े विद्रोह किए। जैसे बिरसा मुंडा का आंदोलन (1895-1900) जिसने "अबुआ दिशुम, अबुआ राज" का नारा दिया। यह आदिवासी आंदोलन भारत की आज़ादी की नींव थी।
5. "वंदे मातरम" का बैन
1905 के बंगाल विभाजन की दौरान जब लोग "वंदे मातरम" गा रहे थे, तो अंग्रेजों ने उसे प्रतिबंधित कर दिया था। यह गीत इतना प्रभावी था कि लोग इसे सुनते ही आज़ादी के लिए प्रेरित हो जाते थे।
6. अधिक दुर्व्यवहार भारतीयों को जेल में
इंग्लिश जेलों में भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों को सामान्य कैदियों की तुलना में भी और बुरी सजा देते थे। सेल्युलर जेल (अंडमान) का उनका उदाहरण है, जहां स्वतंत्रता सेनानी नारियल की रस्सी और तेल निकालने के काम में झोंक दिए जाते थे।
7. विदेशी क्रांतिकारियों का समर्थन
कई विदेशियों ने भी भारत की आजादी में जुटे। जैसे आयरलैंड का क्रांतिकारी "एनी बेसेंट" ने होम रूल लीग की शुरुआत भारत में की। वह भारत की आजादी को अपना लक्ष्य समझ्डी थीं।
8. नेताजी का "आजाद हिंद बैंक"
बहुत कम लोग जानते हैं कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने "आजाद हिंद फौज" के लिए फंड जुटाने के लिए आजाद हिंद बैंक भी शुरू किया था। इसमें लोगों ने सोना, गहने और जमीन तक दान कर दी थी।
9. पत्रकारिता और अखबारों का गुप्त योगदान
आज़ादी की लड़ाई में "अखबार" हथियार की तरह इस्तेमाल हुए। "केसरी" (लोकमान्य तिलक), "यंग इंडिया" (गांधी जी) और "स्वराज" जैसे अखबारों ने अंग्रेजों के खिलाफ जनमत तैयार किया। कई बार приведший к их Бैन.
10. 1942 के आंदोलन में गांव-गांव आज़ादी का शासन
भारत छोड़ो आंदोलन (1942) के समय अन्य स्थानों पर भी लोगों ने अंग्रेज सरकार को हटाकर अपना एक प фундаास्रास्कार "जन शासन" गड़वाया। जैसे सतारा (महाराष्ट्र) में "प्रतापगढ़ समानांतर सरकार" गड़वाई गई। यह ब्रिटिश राज के खिलाफ सीधा विद्रोह ही था।
इन तथ्यों से हमें क्या सीख मिलती है?
भारत के स्वतंत्रता संग्राम के ये कम जाने-माने तथ्य सीखकर हमें यह सबक मिलता है कि आज़ादी कुछ बड़े नेताओं की देन नहीं, बल्कि यह हर भारतीय की मेहनत और बलिदान का फलता-फूल है। हमें किताबों तक ही सीमित न रहने पांव, उन छिपे हुए नायकों और घटनाओं को भी सीखना चाहिए, जिनकी वजह से आज हम आज़ाद हैं।
निष्कर्ष
भारत की स्वतंत्रता संग्राम की भी आपसी कहानी बहुत विविध और प्रेरणादायक है। लेकिन इन 10 कम जाने-माने तथ्यों को जानने के बाद हम यह समझते हैं कि आज़ादी की लड़ाई कितनी व्यापक और गहरी थी। इसलिए हमें अपने इतिहास को केवल याद ही नहीं करना चाहिए, बल्कि उससे प्रेरणा लेकर देश के लिए सकारात्मक काम भी करना चाहिए।